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Aabhushan Times

2024 में 30 प्रतिशत बढ़े सोने के दाम

विश्व स्वर्ण परिषद की रिपोर्ट में कहा गया है कि १० वर्षों में सबसे अच्छा रहेगा यह साल



भारतीय बाजार में कैलेंडर वर्ष 2024 में सोने के दाम अब तक 30 प्रतिशत से ज्यादा बढ़े हैं। करीब 7,300 रुपये प्रति ग्राम (नवंबर के अंत तक डॉलर में 28 प्रतिशत की वृद्धि) की बढ़ोतरी के साथ सोने के दाम 10 वर्षों में किसी कैलेंडर वर्ष में अब तक सर्वश्रेष्ठ रहे हैं। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। विश्लेषकों का मानना है कि आर्थिक और भू-राजनीतिक चुनौतियों की वजह से यह शानदार प्रदर्शन शायद साल 2025 के अंत तक जारी न रहे।


रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2024 में दुनिया भर में सोने की कीमतों में तेज उछाल मुख्य रूप से केंद्रीय बैंकों और निवेशकों की खरीद की वजह से आई है जिसने उपभोक्ता मांग में खासी गिरावट की काफी भरपाई की। डब्ल्यूजीसी के आंकड़ों के अनुसार केंद्रीय बैंकों की मांग मजबूत रही और सोने की खरीद कैलेंडर वर्ष 24 की तीसरी तिमाही तक 694 टन के स्तर तक पहुंच गई जो साल 2022 के स्तर के बराबर है। डब्ल्यूजीसी ने कहा कि उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंकों ने सोने के बाजारों पर दबदबा बनाए रखा है। तुर्की और पोलैंड ने अक्टूबर 2024 तक अपने भंडार में क्रमश: 72 टन और 69 टन सोना जोड़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने अक्टूबर में 27 टन जोड़ा जिससे अक्टूबर तक उसकी कुल स्वर्ण खरीद 77 टन हो गई। अक्टूबर तक भारत की शुद्ध खरीद साल 2023 की तुलना में पांच गुना अधिक रही।


डब्ल्यूजीसी ने कहा, 'एशियाई निवेशक लगभग लगातार रहे हैं जबकि कैलेंडर वर्ष 24 की तीसरी तिमाही के दौरान कम यील्ड और कमजोर डॉलर से पश्चिमी निवेश को बढ़ावा मिला। अलबत्ता बाजार में बढ़ती अस्थिरता और भू-राजनीतिक जोखिमों के बीच सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की भूमिका इसके उल्लेखनीय प्रदर्शन को बता देती है।

साल 2025 में सोने की चाल


ज्यादातर विश्लेषकों का मानना है कि साल 2025 सोने के लिए चुनौतीपूर्ण वर्ष होगा क्योंकि उसे कई प्रतिकूल हालात का सामना करना पड़ेगा। सबसे पहला तो डॉनल्ड ट्रम्प का राष्ट्रपति बनना और वैश्विक अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजारों पर इसके असर से जुड़ा है। सोने के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक चीन में होने वाले घटनाक्रम पर भी नजर रहेगी। डब्ल्यूजीसी ने कहा कि चीनी उपभोक्ता पिछले कुछ महीनों से इससे दूर रहे हैं जबकि निवेशकों ने समर्थन दिया है। लेकिन ये रुख व्यापार, प्रोत्साहन और जोखिम की धारणा के सीधे (और परोक्ष) प्रभावों पर टिका हुआ है।


गोल्डमैन सैक्स और यूबीएस के विश्लेषक भी साल 2025 में भू-राजनीति, व्यापार युद्धों के कारण समूचे मनोबल पर नियंत्रण जैसी अस्थिरता के बीच सोने की कीमतों में नरम वृद्धि की उम्मीद करते हैं। गोल्डमैन सैक्स को उम्मीद है कि दिसंबर 2025 तक सोने के दाम प्रति औंस 3,150 डॉलर (तेजी वाला परिदृश्य में, आधार केस 3,000 डॉलर प्रति औंस) के स्तर तक पहुंच जाएंगे और इनमें मौजूदा स्तरों की तुलना में लगभग 17 प्रतिशत की वृद्धि होगी।



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