आईआईजेएस का मतलब है ज्वेलरी बिजनेस का विकास
एक बार फिर मुंबई में ३ से 8 अगस्त तक होने जा रहा भारत का सबसे बड़ा ज्वेलरी शो यानी आईआईजेएस प्रीमियर शो भारतीय ज्वेलरी जगत के लिए एक ऐसा आयोजन है, जो देश के व्यापार को बढ़ाने तथा देश - विदेश के व्यापारियों को परस्पर जोडऩे में अहम भूमिका निभाता रहा है। इस बार का आईआईजेएस देश में 39वां आयोजन होगा। आईआईजेएस प्रीमियर का यह संस्करण होता है, जिसके तहत दुनिया के कई ज्वेलर खास तौर पर इसमें आते हैं। विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जेम एंड ज्वेलरी एग्जिबिशन कहा जाना वाला यह शो इस बार मुंबई में एक साथ दो स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक आयोजन रहेगा। आभूषण टाइम्स का यह अंक इसी पर खास सामग्री लिये आपके हाथों में हो, जिसके अगले पन्नों पर आपके लिए हम आईआईजेएस की विशेषताओं और जीजेईपीसी के बारे में खास जानकारी प्रस्तुत करने जा रहे हैं।
जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) द्वारा प्रायोजित आईआईजेएस एक ऐसा शो है, जो दुनिया भर में भारत की ज्वेलरी परंपरा का आईना माना जाता है। ज्वेलर्स की एक समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाने में आईआईजेएस हमेशा से सफल रही है। साल दर साल आईआईजेएस की अहमियत लगातार बढ़ती जा रही है एवं इसमें ज्वेलरी उद्यमियों की विशेषताओं को विकसित करने के लिए कई कोशिशों का कमाल भी हम देखते रहे हैं। जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) द्वारा शुरू की गई एग्जिबिशन की इस महत्वपूर्ण परंपरा को अब ज्वेलरी सेक्टर में वो मुकाम मिल चुका है, जिसके बिना ज्वेलरी बिजनेस का विकास ही अधूरा सा लगता है। इसीलिए मार्केट के ज्यादातर लोगों के लिए आईआईजेएस का मतलब केवल ज्वेलरी बिजनेस के विकास का मंच है। जीजेईपीसी के लिए यह एक महत्वपूर्ण तोहफा कहा जा सकता है कि दुनिया भर के ज्वेलर्स का इसमें काफी विश्वास है तथा वे यहां आकर स्वयं को नयेपन से अपडेट करते हैं। आभूषण टाइम्स की कोशिश है कि आईआईजेएस में पहुंचे हर ज्वेलर की जिंदगी में यह शो एक नयापन लाए ताकि वे लगातार अपने व्यापार में विकसित हों और देश के जेव्लरी बिजनेस की शानदार परंपरा को आगे बढ़ाए।
भारत की सबसे सफलतम ज्वेलरी एग्जिबिशन आईआईजेएस के आयोजन के महत्वपूर्ण मौके पर हम सबके लिए इसकी आयोजक संस्था जीजेईपीसी के इतिहास में जाकर भी झांकना होगा, क्योंकि आखिर इसके लिए उन्हें कितनी मेहनत करनी पड़ी। आजादी के बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था ने जब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने कदम बढ़ाए, तो देश के ज्वेलरी निर्यात पर जोर देने के लिए सन 1966 में भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) की स्थापना की गई। जीजेईपीसी का मुंबई में मुख्यालय हैं और देश भर में इसकी व्यापक पहुंच है क्योंकि भारत में उद्योग एवं व्यापार के प्रमुख केंद्रों, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, सूरत और जयपुर में जीजेईपीसी के क्षेत्रीय कार्यालय हैं। देश भर में अपनी शानदार उपस्थिति के कारण ही जीजेईपीसी प्रत्यक्ष तथा अधिक सार्थक तौर पर ज्वेलरी सेक्टर से जुड़े लोगों की सेवा करने में सक्षम है। पिछले कुछ दशकों में देखा जाए, तो जीजेईपीसी भारत में कार्यरत विभिन्न रेड से जुड़े एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल में सबसे सक्रिय एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के रूप में जानी जाती है और इसने निरंतर अपने व्यावसायिक गतिविधियों की पहुंच बढ़ाई है। जीजेईपीसी जेम एंड ज्वेलरी उद्योग की शीर्ष संस्था है और इस सेक्टर में साढ़े ९ हजार से ज्यादा सदस्यों का प्रतिनिधित्व करती है। इसके साथ ही जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने अपने सदस्यों के लिए अपनी सेवाओं को और व्यापक करने और उन्हें बढ़ाने के लिए लगातार विभिन्न प्रयत्न किए हैं। आईआईजेएस भी उसी की एक सबसे खास कड़ी है।
जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के बारे में देश भर के ज्वेलर्स की राय है कि यह एक ऐसी संस्था है जो ज्वेलरी उद्योग की मुश्किलों को आसान करने के लिए सरकार के सामने व्यापार से संबंधित मुद्दों पर बेहतर बातचीत की सुविधा प्रदान करती है, तथा व्य़ापारियों की हर मांग को पूरी ईमानदारी से सरकार के सामने रखती है। इसके साथ ही यह संस्था सरकार, मंत्रालयों और विभिन्न सरकारी एजेंसियों के साथ एक्सपोर्ट से संबंधित मुद्दों को उठाती है, तथा उनका निस्तारण भी कराती है। भारत की एक्जिम पालिसी में विभिन्न मुद्दों को शामिल करने के लिए व्यापारिक माहौल को विकसित करने के अनुकूल नीतियों का प्रतिनिधित्व करना जीजेईपीसी का खास काम है। लेकिन इस सबसे इतर, भारत के सबसे बड़े आईआईजेएस प्रीमियर सहित कई एगिजिबिशन के आयोजन भी करती है। जिससे अंतरराष्ट्रीय ज्वेलरी मार्केट में भारतीय ज्वेलर्स की धाक जमी है। इस बार का यह 39वां आईआईजेएस भी ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है। जिसमें सहभाग लेनेवाले सभी ज्वेलर्स को आभूषण टाइम्स की ओर से बधाई तथा शुभकामनाएं।
सिद्धराज लोढ़ा
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