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एम मेहता एण्ड सन्सधीरज मेहता और कमलेश मेहता की सफलता का संसार

Aabhushan Times


















मुंबई में ज्वेलरी की दुनिया में एम मेहता एण्ड सन्स एक खास नाम है, जिसकी हर तरह की ज्वेलरी अपने ग्राहकों को लुभाती है, क्योंकि वे हर ज्वेलरी बनाते ही ऐसी है कि ग्राहक चाहकर भी उसे लेने से खुद को न रोक सके। खासकर मंगलसूत्र के मामलों में उनका काफी अच्छा नाम है। एम मेहता एण्ड सन्स द्वारा निर्मित सीजेड मंगलसूत्र, प्लेन मंगलसूत्र, रोज गोल्ड फेन्सी मंगलसूत्र की डिजाइन्स इतनी आकर्षक होती है कि ग्राहक पहली नजर में पसंद करता है।


धीरज भाई मेहता एम मेहता एण्ड सन्स के संस्थापक हैं, जिन्होंने सन 1984 में पार्टनरशिप में गोल्ड ज्वेलरी का व्यवसाय की शुरूआत की। साझेदारी के इस व्यापार को उन्होंने 20 साल तक संचालित किया और व्यापार की हर बारीकियों के साथ बाजार में आगे बढऩे के सारे गुण भी सीखे। वैसे, व्यापार को आगे बढ़ाने की बारीकियां सीखने में 20 साल कम नहीं होते, लेकिन फिर भी साझेदारी में व्यापार था, तो दो दशक तक सफलता के साथ चलाते रहे और सन 2003 में अपने पिता मोहनलालजी मेहता की प्रेरणा से एम मेहता एण्ड सन्स की स्थापना की। धीरज मेहता के छोटे भाई कमलेश मेहता भी उनके साथ इस व्यापार में जुट गए। फिर तो, दोनों भाईयों ने मिलकर अपनी कड़ी मेहनत करके ब्रांड एम मेहता को मंगलसूत्र की दुनिया में देश भर में इतना ऊंचाई पर पहुंचा दिया की यह आज एक जाना पहचाना नाम बन गया है। एम मेहता में सीजेड और प्लेन मंगलसूत्र 92 मेल्टिंग में हर वक्त उपलब्ध रहते हैं, तो, रोज गोल्ड मंगलसूत्र 75 मेल्टिंग में बनाते है, जो 4 से 100 ग्राम तक के वजन में रेडी स्टॉक में हमेशा उपलब्ध रहते है। उनके इस ब्रांड के खास होने की खूबी यह है कि वे हर हाल में अपनी हर ज्वेलरी और मंगलसूत्र को बेहतरीन बनाते हैं, तथा सभी जानते हैं कि प्योरिटी के मामले में तो कोई भी उनका हाथ नहीं पकड़ सकता। एम मेहता एंड संस जीजेइपीसी, इब्जा, जीजेसी, जवेरी बाजार वेलफेयर एसोसिएशन आदि ज्वेलरी मार्केट की व्यावसायिक संस्थाओं से उनका गहरा जुड़ाव है और अपनी ज्वेलरी को देश में होनेवाली कम से कम 5-6 एग्जिबिशन में पार्टिसिपेट करते हैं, ताकि नई नई जानकारियां हासिल हो सके और ब्रांड एम मेहता को नई ऊंचाई हासिल हो सके। हर सफलता का मुश्किल मुकाम होता है अकेलापन, और यही अकेलापन अचानक धीरज भाई मेहता के जीवन में भी उस वक्त अचानक आया, जब कोरोना काल में उनके भाई कमलेश मेहता अचानक संसार से विदा लेकर स्वर्गलोक की ओर चले गए। भाई का अचानक दु:खद निधन ने धीरज मेहता के लिए संकट बना, लेकिन संकटों से उबरना भी भाई की वजह से ही सीखा था, सो भाई कमलेश मेहता के पुत्र यश मेहता को आयरलैंड से एमबीए करने के बाद एम. मेहता एण्ड सन्स को जोडक़र उस दुख से भी वे तेजी से उबर गए। आज यश भी अपने बड़े पिताजी धीरज भाई का साथ निभाते हुए ब्रांड एम मेहता को नए आयाम देने में जुटे हैं। मुंबई के ज्वेलरी मार्केट में हर किसी की जुबान पर उनका नाम है, क्योंकि उनके बेहतरीन प्रोडक्ट्स की शान ही निराली है। इसी कारण वर्ष 2015 में एम मेहता को बेस्ट नेशनल ज्वेलरी अवॉर्ड भी मिला था। ज्वेलरी बाजार के व्यापारी बताते हैं कि ब्रांड एम मेहता के मंगलसूत्र की सबसे बड़ी खासियत यही होती है कि इनके यहां निर्मित मंगलसूत्रों की क्वालिटी एवं फिनीशिंग तो बहुत अच्छी होती ही है, इनके डिजाइंस भी शानदार व आकर्षक होते हैं। मंगलसूत्र के साथ फैन्सी रोज गोल्ड सी झेड ज्वेलरी भी रेडी मिलती हैं।


एम मेहता के मंगसलूत्रों के ग्राहकों से बातचीत करने पर पता चलता है कि इनके मंगलसूत्र हर किसी को पहली नजर में ही भा जाते हैं, तथा ग्राहक पहली नजर में ही उसकी खरीदी भी करते है। हालाँकि, सौंदर्यशास्त्र और आध्यात्मिकता से जुड़े होने के अलावा ज्वेलरी का एक बहुत ही महत्वपूर्ण फाइनेंशियल कारण भी है। भारत में, ज्वेलरी को निवेश के रूप में भी अत्यधिक महत्व दिया जाता है, परंतु भारतीय समाज में महिलाओं के लिए मंगलसूत्र की महिमा ही कुछ और होती है। यही कारण है कि हर समाज, जाति, उम्र, वर्ग की महिला सबसे पहले यह सुनिश्चित करती है कि उसके पास उसके अपने गहने हों। समाज की इसी अवधारणा को खयाल में रखकर हर तरह की ज्वेलरी में हाथ आजमाया, तो कुछ ही सालों में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के ज्वेलरी मार्केट में ब्रांड एम मेहता को खास नजर से देखा जाता है।



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