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एल. के. ज्वेल्सबुलंद इरादों के बादशाह

Aabhushan Times












कहते हैं कि हर सफलता के पीछे कड़ी मेहनत और बुलंद इरादों की बुनियाद छिपी होती है। जिनके इरादे बुलंद होते हैं, वे ही जिंदगी में आगे बढ़ते हैं। ललितकुमार एम. इटोंदिया, किरण इटोंदिया दोनों भाई मुंबई में अपने बुलंद इरादों के साथ आए थे और ज्वेलरी की दुनिया में अपने काम के बलबूते पर नाम और प्रतिष्ठा दोनों कमा गए। उनकी मेहनत व दूरगामी सोच के कारण ही आज एल के ज्वेलर्स का ज्वेलरी व्यवसाय में काफी प्रतिष्ठित नाम है तथा अपनी क्वालिटी, प्योरिटी तथा डिजाइन के बलबूते पर वे लगातार आगे बढ़ रहे हैं। वे जानते हैं कि गोल्ड की ज्वेलरी हर तरह के लोगों में हमेशा डिमांड में रहती हैं चाहे गोल्ड की कीमत कितनी भी ज्यादा क्यों न हो। इसीलिए दोनों भाईयों ने गोल्ड ज्वेलरी के व्यापार के क्षेत्र में काफी मेहनत करके एलके ज्वेल्स को स्थापित किया, एवं जबरदस्त मेहनत करके बहुत अच्छा नाम भी कमाया हैं। ज्वेलरी के इस व्यवसाय के लिए वे मानते हैं कि ज्वेलरी पसंद करने वाले लोगों में जो ट्रेंड चल रहे हैं, उन लेटेस्ट डिज़ाइनों के बारे में अच्छे आइडियाज बहुत महत्वपूर्ण हैं, इसी को समझकर उन्होंने जो डिजाइन तैयार किए, तो वे चल पड़े और एल के ज्वेल्स लगातार आगे बढ़ता गया। जब भी बाहर व्यापार पर जाते थे तो सदैव दोनो भाई साथ ही जाते थे इन दोनो की जोड़ी राम लक्ष्मण के नाम से मशहूर थी जो आज भी विद्यमान है। इनका एक ही मानना हे की भाई से अच्छा कोई दोस्त हो नही सकता।


एल के ज्वेल्स की सफलता की यात्रा देखें, तो सन 1986 में बीकॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद दोनों भाईयों ने ज्वेलरी की फेरी का व्यवसाय किया। वे बैग में भरकर ज्वेलरी लेकर जाते और जगह जगह जाकर ज्वेलर्स को ये ज्वेलरी बेचते थे। अपने शुरुआती व्यापारिक दौर में वे सिल्वर मंगलसूत्र एवं मोती बंगडी का व्यापार करते थे। ये व्यापार जब चल पड़ा, तो उन्होंने अपने भाई किरण इटोंदिया के साथ एल के ज्वेल्स की स्थापना की। जहां पर मंगलसूत्र, मोती नथ, वैक्स माला, रुद्राक्ष माला, 92 मेल्टींग के अलावा अन्य मेल्टींग की ज्वेलरी भी वे रखते हैं। कहते हैं कि जो व्यक्ति शरीर से काम करता है, वह तो महज दो जून की रोटी ही पाता है, लेकिन जो व्यक्ति दिमाग से काम करता है, वह व्यापार में दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति करता है। ललितकुमार इटोंदिया और उनके भाई किरण इटोंदिया ने दिमाग से काम करते हुए व्यापार के विस्तार की योजना बनाई, तो उनका व्यवसाय पूरे देश भर में फैल गया। आज देश के लगभग सभी बड़े शहरों के ज्यादातर ज्वेलरी शो रूम में उनकी ज्वेलरी उपलब्ध है।


देश की ज्वेलरी व्यापार की प्रमुख संस्थाओं, जैसे जैम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी), जैम्स एंड ज्वेलरी काउंसिल (जीजेसी), आल इंडिया बुलियन एंव ज्वेलर्स एसोसिएशन (आइबीजेए), मुंबई गोल्ड होलसेल एसोसिएशन तथा जवेरी बाजार वेलफेयर एसोसिएशन जैसी संस्थाओं से भी आज एल के ज्वेल्स का जुड़ाव है। एलके ज्वेल्स की खास बात ये है कि वे हर साल देश की हर बडी ज्वेलरी एग्जिबिशन में अपने ज्वेलरी प्रदर्शित करते हैं। सभी जानते हैं कि जब कोई एक प्रतिष्ठान चल पड़ता है, तो फिर उसके साथ दूसरा प्रतिष्ठान स्थापित करना बेहद जरूरी हो जाता है। इसी वजह से एल के ज्वेल्स की सफलता के बाद ललितकुमार इटोंदिया और उनके भाई किरण इटोंदिया ने एक और प्रतिष्ठान एल के चेन्स एण्ड ज्वेल्स की स्थापना की। नव स्थापित प्रतिष्ठान एल के चेन्स एण्ड ज्वेल्स में रोज गोल्ड की नई नई डिजाइंस की चेन, ब्रैसलेट, मोती माला तथा सभी तरह की ज्वेलरी उपलब्ध है। दो दो प्रतिष्ठानों से व्यावसायिक संचालन में ललित इटोंदिया के सहयोग के लिए इटोंदिया परिवार की युवा पीढ़ी के अंकित इटोंदिया, अल्पित इटोंदिया, चिराग इटोंदिया और भी कंपनी में जुडे हैं, तथा इसके विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आज एल के ज्वेल्स देश भर में अपनी सफलता का परचम लहरा रही है। तो, इसके परिदृश्य में देखें, तो इटोंदिया परिवार ने अपने बुलंद इरादों के साथ कड़ी मेहनत और व्यावसायिक ईमानदारी के बलबूते पर यह सब पाया है। एल के ज्वेल्स सही मायने में बुलंदी के शिखर पर है, तो जैसा कि हमने शुरू में ही कहा कि जिंदगी में वे ही आगे बढ़ते हैं, जिनके इरादे बुलंद होते हैं। एल के ज्वेल्स और एलके चेन्स एण्ड ज्वेल्स के संचालक किरण इटोंदिया और उनके भाई ललितकुमार इटोंदिया के बुलंद इरादों को देखना हो, तो उनकी सफलता को देख सकते हैं, जहां उनके इरादों की बुलंदी साफ नजर आती हैं।











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