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गोल्ड व सिल्वर के साथ ज्वेलरी में चमकता - दमकता मंगलसूत्र

Aabhushan Times

अर्थव्यवस्था का आधार गोल्ड व सिल्वर है, तो गोल्ड व सिल्वर का सबसे बड़ा आधार ज्वेलरी मार्केट है, जहां सबसे ज्यादा ये दोनों मेटल खूब बिकते हैं। इनके अलावा ज्वेलरी मार्केट में प्लैटिनम तथा डायमंड भी है। लेकिन इनकी प्रीशियस वैल्यू भले ही ज्यादा हो, मगर गोल्ड व सिल्वर की बराबरी में इन्हें नहीं माना जाता। कारण यह है कि गोल्ड व सिल्वर अर्थव्यवस्था के आधार हैं, जिनकी खरीद से अर्थव्यवस्था को आधार दिया जा सकता है। इसके अलावा गोल्ड की सबसे बड़ी अहमियत यह भी है कि उसे शुभ माना जाता है। शुभ मतलब अच्छा, अर्थात मंगल। मंगल के नाम से याद आया मंगलसूत्र। भारतीय विवाह पद्धति में सबसे पवित्र रीति-रिवाजों में से एक है मंगलसूत्र पहनना। मंगलसूत्र देखने में तो सामान्य रूप से गोल्ड की लटकन के साथ एक काले और सोने के छोटे छोटे मनको की माला है, जो हिंदू विवाह संस्कार के साथ-साथ हिंदू विवाहित महिलाओं के जीवन में भी बहुत बड़ा महत्व रखता है। इसे शादी की रस्मों के दौरान दूल्हे द्वारा दुल्हन के गले में बांधा जाता है। यह विवाह का प्रतीक है और दुल्हन द्वारा अपने पति की मृत्यु तक पहना जाता है। जिसके कारण यह ज्वेलरी का सबसे अहम सैगमेंट भी है। इसी सैगमेंट को पूरा करने के लिए मुंबई के ज्वेलरी मार्केट में बड़ी व नामी गिरामी मंगलसूत्र निर्माता कंपनीयां है, जो देश भर के एक बहुत बड़े हिस्से के लोगों के लिए मंगलसूत्र की आपूर्ति करती है, उसके बारे में भी हम सारी जानकारी आपको इस अंक में दे रहे हैं।


आभूषण टाइमस के इस खास अंक में हम लाए हैं कि किस तरह से हमारे ज्वेलरी सेक्टर में मंगलसूत्र का महत्व लगातार बढ़ रहा है, तथा मुंबई के कुछ खास मंगलसूत्र निर्माताओं ने कैसे अपनी कड़ी मेहनत करके, ग्राहकों को बेहतरीन क्वालिटी व डिजाइंस देकर गोल्ड की प्योरिटी की गारंटी के जरिए से इस बाजार में अपनी जगह बनाई। उनकी सफलता के किस्से आपको दंग तो करेंगे ही, मंगलसूत्र की बनावट में आए बदलाव से भी परिचित कराएंगे। इन्हीं कई सारी विशेष बातों पर इस बार आभूषण टाइम्स का यह विशेषांक है। मंगलसूत्र शीर्षक से एक साहित्यिक कृति भी है, जिसे मुंशी प्रेमचंद ने लिखा है, प्रेमचंद के मंगलसूत्र में जीवन की समस्याओं व समाधान का वर्णन है, तथा यह भी कि 'मंगलसूत्रÓ किस कारण जीवन में महत्वपूर्ण है। इसी दृष्टि से भी देखा जाए, तो मंगलसूत्र की महिमा सबसे भिन्न है।


देखा जाए, तो हमारे भारतीय समाज में गोल्ड व सिल्वर की खरीद उपभोक्ता अपनी जरूरतों व पहनने के लिए कम करते हैं, तथा निवेश के उद्देश्य को पूरा करने के लिए ज्यादा करते हैं। इसके पीछे एक जो सबसे महत्वपूर्ण कारण है, वो केवल यही है कि भविष्य की चिंता, जो कि गोल्ड व सिल्वर के बिजनेसमेन के लिए शुभ संकेत माना जाता है। लोग अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए गोल्ड़ या सिल्वर में निवेश करेंगे, तभी तो गोल्ड व सिल्वर का बाजार चलता रहेगा, वरना सारा व्यापार मंदा हो जाएगा। तो, इसके पीछे लोगों की मानसिकता यह है कि यदि आज वे गोल्ड या सिल्वर में निवेश करते हैं, तो बाद के समय में उनको रेट्स बढऩे से फायदा ही होगा। इसी वजह से वर्तमान में मई महीने के अंत के दिनों तक भले ही गोल्ड 63 हजार के आसपास चलता रहा, लेकिन ग्राहकी भी चलती रही। अगर सिल्वर मार्केट की अगर बात की जाए तो कुछ उतार चढ़ाव के बावजूद सिल्वर की चमक बढ़ती जा रही है। व्यापारियों का कहना है कि जिस तरीके से सिल्वर के रेट में वृद्धि हो रही है, आने वाले कुछ ही समय में एक बार फिर से सिल्वर 75 हजार के पार जा सकती है, ऐसे में जो भी उपभोक्ता गोल्ड व सिल्वर की ज्वेलरी की खरीदारी करना चाहते हैं, वे अभी खरीद रहे हैं, क्योंकि हर कोई मान रहा है कि रेट्स तो लगातार बढ़ते ही रहेंगे।


क्योंकि माना जा रहा है कि गोल्ड के रेट्स लगातार बढ़ते ही रहेंगे, कम होने वाले नहीं है। सामान्य तौर पर ऐसा होता है कि गोल्ड व सिल्वर के रेट्स जब बढ़ते हैं, तो सेल ठप हो जाती है, लेकिन इस बार थोड़ा सा अलग ट्रेंड देखने को मिल रहा है कि जैसे जैसे रेट्स बढ़ रहे हैं, लोगों को खरीदने की चाह बढ़ती देखी गई। क्योंकि पिछले साल भर के ट्रैंड को देखते हुए रेट्स के लगातार बढ़ते ही रहने का अंदेशा साफ है।


केवल एक साल में ही गोल्ड में पंद्रह हजार की बढ़त हुई है। लेकिन जब जब दुनिया के कुछ देशों में इंडरनेशनल मार्केट में हुए तेज आर्थिक बदलावों का भारतीय ज्वेलरी मार्केट भी गहरा असर पड़ा है। बाजार पर गहरा असर पड़ा है। कारण गोल्ड व सिल्वर ज्वेलरी खरीदने का मन बना रहे उपभोक्ताओं को करारा झटका लगा है, गोल्ड व सिल्वर दोनों के ही रेट में वृद्धि देखने को मिली है। आभूषण टाइम्स हर बार की तरह इस बार भी आपके लिए बाजार, व्यापार, इंटरनेशनल पॉलिसी व मंगलसूत्र की मंगलमय यात्रा कुछ खास जानकारियां लेकर आया है।














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