जे.के. ज्वेल्सजयेश जैन और नरेश जैन के नेतृत्व में मंगलसूत्र की बढ़ती चमक
ज्वेलरी निर्माण की दुनिया में वैसे तो जे.के. ज्वेल्स की ज्वेलरी की प्रतिष्ठा काफी मजबूत है, लेकिन मंगलसूत्र निर्माण के क्षेत्र में जे.के. ज्वेल्स को काफी प्रतिष्ठित एवं अग्रणी दर्जा हासिल है। उनके मंगलसूत्र पहले दिन से ही बड़ी संख्या में ग्राहकों को आकर्षित करते रहे हैं। त्योहार हो या विवाह का सीजन, जे.के. ज्वेल्स अपने ग्राहकों के लिए हर तरह के मंगलसूत्र की पेशकश करता रहा है। इसलिए, ज्वेलरी उपभोक्ताओं को अपने पसंदीदा मंगलसूत्र खरीदने के लिए सामान्यतया जे.के. ज्वेल्स से खरीददारी ही अधिक फायदेमंद मानी जाती है। जे.के. ज्वेल्स की ज्वेलरी की अद्वितीय शुद्धता, अविश्वसनीय शिल्प कौशल, पारंपरिक और आधुनिक संयोजन वाले नवीन डिजाइंस के कारण, ग्राहक जे.के. ज्वेल्स के पास जाने में खुशी व आनंद महसूस करते हैं। जे.के. ज्वेल्स हमेशा से ज्वेलरी पसंद करने वाले भारतवासियों और खास कर मुंबई में ग्राहकों की पहली पसंद रहा है। जे.के. ज्वेल्स के प्रति ग्राहकों के इस निश्छल प्रेम के कारण ही आज जे.के. ज्वेल्स को मंगलसूत्र किंग के रूप में मार्केट में जाना जाता है। और यही कारण है कि, जे.के. ज्वेल्स आज आभूषण निर्माण के क्षेत्र में एक बहुप्रतिष्ठित और सुप्रसिद्ध ब्रांड बन गया है। ६० वर्ष पूर्व जब दादर में केवलचंदजी बस्तीमलजी जैन ने एम. व्ही. ज्वेलर्स नामक ज्वेलरी के रिटेल सेल प्रतिष्ठान की स्थापना की थी, तो केवलचंदजी ने यह तो कल्पना जरूर की थी कि उनका व्यापार आगे बढ़ेगा तथा यह भी उनका दृढ़ निश्चय था कि वे इस व्यापार को काफी ऊंचा लेकर जाएंगे, लेकिन संभवतया यह तो कतई नहीं सोचा होगा कि उनकी आने वाली पीढ़ी द्वारा बनाए गए मंगलसूत्र देश भर के लगभग सभी प्रदेशों की महिलाओं के गले में पहनने को मिलेंगे। १९९१ में जयेश जैन ने इलेक्ट्रिक इंजिनियरिंग कम्प्लिट करके जयेश जैन को लगा कि जीवन में एक ही ढर्रे पर काम करते रहे, कमाई तो हो ही जाएगी, लेकिन संस्थान की प्रतिष्ठा व नाम आगे बढ़ाना आसान नहीं होगा। इसी अभिनव सोच के साथ जयेश जैन ने ज्वेलरी के अलावा मंगलसूत्र की मैन्यूफेक्चरिंग एवं होलसेल की शुरूआत करने के लिए अलग से एक और फर्म की स्थापना की, जिसका नाम रखा गया जे.के. ज्वेल्स। यह नया नया व्यवसाय था, जो देखते देखते ही सरपट दोडऩे लगा और उसके 4 वर्ष बाद जयेश जैन के भाई नरेश जैन भी जे.के. ज्वेल्स के साथ जुड गए। दोनों भाईयों की कड़ी मेहनत, के कारण मंगलसूत्र के प्रोडक्ट तेजी से नई रफ्तार पकडऩे लगे तथा देखते ही देखते जे.के. ज्वेल्स के मंगलसूत्र ज्वेलरी की दुनिया में अपनी धाक जमाने लगे तथा कुछ ही सालों में जे.के. ज्वेल्स का नाम ज्वेलरी मार्केट में हर दिल की धडक़न बन गया। वर्तमान में जयेश जैन महाराष्ट्र सराफा एसोसिएशन के सेक्रेट्री हैं और उन्होंने अपने कार्यकाल में गोल्ड पर एक्साइज डयूटी के मामले में मार्केट को जागृत करने तथा सरकार से भिडऩे में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सही मायने में कहें, तो जे.के. ज्वेल्स के मंगलसूत्र के मामले में ज्वेलरी बाजार के दिलों की धडक़न बनने में मेहनत काफी लगी, लेकिन लक्ष्य साफ था कि कहां पहुंचना है। इसीलिए जयेश जैन एवं नरेश जैन ने अपने मंगलसूत्र प्रोडक्ट्स डिजाईन की ब्रांडिंग के लिए दिल से मेहनत करते जा रहे हैं। उसी मेहनत के बल पर धीरे धीरे ब्रांड जे.के. ज्वेल्स के मंगलसूत्र के मामले में ज्वेलरी बाजार में अपनी छाप छोडऩे लगा, तो उनके शॉर्ट मंगलसूत्र की धाक पूरे देश में कुछ अलग तरीके से जमने लगी और 92 कैरेट के लाइट वेट मंगलसूत्र, जो कि 5 ग्राम से 12 ग्राम तक में बनते हैं, उनके बारे में बाजार में हर आदमी चर्चा करने लगा। क्योंकि इनके डिजाइन्स इतने आकर्षक होते हैं कि वे सीधे ग्राहक के दिल में उतरकर उसे लुभाने लगते हैं, तो ग्राहक को पहली नजर में ही उसे पसंद करना अनिवार्य हो जाता है। वैसे भी ज्वेलरी में जिसे डिजाइन कहते हैं, वह कुल मिलाकर केवल एक शब्द भर नहीं है। मंगलसूत्र में डिजाइन बहुत व्यापक अहमियत वाला खास मामला है, जो उसकी कला, शिल्प, शैली और पिरोने के अंदाज से उसको बाकी मंगलसूत्रों से अलग करता है। तो, जे.के. ज्वेल्स के मंगलसूत्र भी अपने हर पिछले लॉट से बेहद अलग होते हैं। खासकर, शॉर्ट मंगलसूत्र की बेहतरीन बनावट, शानदार कला, लुभावना शिल्प, परंपरागत व आधुनिकता से परिपूर्ण शैली और उनके सबसे अहम किरदार काले मणकों में करीने से संवारकर जगह जगह पिरोने के बेहतरीन अंदाज की वजह से ही जे.के. ज्वेल्स केशॉर्ट मंगलसूत्र की डिमांड देश भर में बढऩे लगी। शॉर्ट मंगलसूत्र के अलावा जे.के. ज्वेल्स लॉग मंगलसूत्र के निर्माण के क्षेत्र में भी अपनी बड़ी अहमियत रखते हैं। यह अहमियत इस कारण है कि जे.के. ज्वेल्स कुछ खास तरीके से अपने लॉग मंगलसूत्र के निर्माण की नई तकनीक अपनाते हैं, जिससे लॉग मंगलसूत्र पसंद करने वाली महिलाएं उसे बराबर पसंद कर लेती है।
जे.के. ज्वेल्स की खास बात यह है कि इनका ऑफिस दादर में है। लेकिन अपनी डिजाइन्स, व्यवहार, सर्विस, नैतिकता की वजह से ही अपना व्यापार संचालित करते है। जो लोग जवेरी बाजार में बैठकर भी व्यापारिक आसमान नहीं छू सकते है, वो जे.के. ज्वेल्स जवेरी बाजार से दूरमध्य मुंबई के दादर में भी कर लेते है। जे.के. ज्वेल्स के संचालक दोनों भाई, जयेश जैन एवं नरेश जैन अपने लाँग मंगलसूत्र प्रोडक्ट्स के निर्माण में बेहद गहराई से अध्ययन करके ही उसे मार्केट में उतारते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि शॉर्ट मंगलसूत्र के खरीददार तो फिर कुछ वक्त बाद फिर नए मंगलसूत्र की खरीद के लिए बाजार में आ जाते हैं, लेकिन लॉग मंगलसूत्र अपने सुहाग की निशानी के साथ साथ निवेश की दृष्टि से भी अलग मायने रखता है। लेकिन दोनों ही शॉर्ट मंगलसूत्र और लॉग मंगलसूत्र दोनों ही मामलों में बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है। जयेश जैन एवं नरेश जैन बताते हैं कि जिस महिला ने पिछली बार जो मंगलसूत्र खरीदा था, उसी डिजाउन का मंगलसूत्र वह कभी नहीं खरीदती। इसलिए उनको हर बार व्यक्ति के लिए अलग अलग मंगलसूत्र के डिजाइंस बदलनी पड़ती हैं। इन बहुत सारी खासियतों की वजह से ही जे.के. ज्वेल्स के मंगलसूत्र को देश भर में अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। जिसकी खास वजह यह है कि जे.के. ज्वेल्स व्यावासायिक मामलो में उच्च मानदंडों पर चलता है, तथा अपने कस्टमर्स को हर तरह की व्यापारिक सहूलियत भी प्रदान करता है। जयेश जैन कहते हैं कि कस्टमर हमारे लिए भगवान के समान है, उनका सम्मान ही किसी भी व्यवसाय का आधार है।
जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेइपीसी) (आइआइजेएस), और जेम्स एंड ज्वेलरी काउंसिल (जीजेसी) और ऑल इंडिया बुलियन एंड ज्वेलरी एसोसिएशन (आईबीजेए) के सदस्य के रूप में भी जे.के. ज्वेल्स की पहचान है। जयेश जैन और नरेश जैन के साथ साथ उनके भांजे विनित राठौड की भी जे.के. ज्वेल्स को ब्रांड के बाजार की अग्रिम पंक्ति में मजबूत जगह दिलाने में काफी मेहनत रही है। इन तीनों की मेहनत का ही परिणाम है कि आज जे.के. ज्वेल्स मंगलसूत्र की दुनिया में जाना पहचाना नाम है। विनीत राठौड एक प्रोफेशनल हैं, और पेशेवर सीए बनने के बाद 2012 में वे भी जे.के. ज्वेल्स के साथ जुड़ गए, तथा उन्होंने जे.के. ज्वेल्स में सेल्स और अकाउंटिंग का जिम्मा संभाला। नई पीढ़ी के नए विचार जब बाजार को समझने लगे, और हर साल कम से कम 4-5 एग्जिबिशन में हिस्सा लेने की वजह से बदलते वक्त का आभास जे.के. ज्वेल्स को भी बदलने के संदेश देता रहा है।
जे.के. ज्वेल्स के संचालकों को लगा कि वक्त बदल रहा है, उसके साथ साथ लोगों की पसंद भी लगातार तेजी से बदलती जा रही है और इस बदलती पसंद के साथ साथ लोगों का मन भी नई नई ज्वेलरी की चाह में लगातार बदल रहा है। माहौल के इस मिजाज को भांपकर जे.के. ज्वेल्स के जयेश जैन एवं नरेश जैन, जो कि संचालक हैं, और दोनों भाई भी हैं, वे यह अच्छी तरह से जान रहे हैं कि आने वाले वक्त में ज्वेलरी का नया चलन रहेगा, इसीलिए जयेश जैन कहते हैं कि हम हर तरह से बदलते वक्त के साथ चलने की कोशिश में हैं, जिसके तहत लाइट वेट ज्वेलरी और कुछ खास किस्म की एक्सेसरीज जैसी गोल्ड ज्वेलरी की डिंमांड बाजार पर हावी रहेगी, तो मंगलसूत्र में भी जैसे जैसे कई तरह के नए बदलाव देखने को मिल रहे हैं। उसी दिशा में हमारे द्वारा भी उन बदलावों को अपने प्रोडक्ट्स में लाया जा रहा हैं। जे.के. ज्वेल्स की स्थापना से लेकर आज तक हर साल लगातार प्रगति के पथ पर उनकी गाड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है, तो यह सभी के लिए खुशी की बात है। यह नि:संदेह इनकी मेहनत और बुजुर्गों का आशीर्वाद है।
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