दशक दर दशक, गोल्ड में मिलता रहा शानदार रिटर्न
गोल्ड सदाबाहर
गोल्ड लगातार तेजी पकड़ता जा रहा है, इसी कारण इसकी खरीदी भी बढ़ती जा रही है। देश भर के ज्वेलरी बाजारों में भीड़ है एवं ज्वेलर्स के लिए खुशी की बात ये है कि जैसे जैसे गोल्ड के रेट्स बढ़ रहे हैं, लोगों में इसे खरीदने की रुचि भी बढ़ती जा रही है। जिनको जरूरत है वे तो खरीद ही रहे हैं, जिनके पास थोड़ा सा भी अतिरिक्त पैसा है, वे भी इसे खरीद रहे हैं। क्योंकि इसके लाभ लोगों से अब पूरी तरह से समझ में आ गए हैं। गोल्ड बुलियन के प्रकार में बिक रहा है, तो ज्वेलरी भी लोग धड़ल्ले से खरीद रहे हैं। इसके साथ ही लोग गोल्ड के सरकारी बॉंड में भी इन्वेस्ट कर रहे हैं। इसी से समझा जा सकता है कि गोल्ड के फायदों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है, खासकर कोरोना महासंकट के बाद लोग ज्यादा जागरूक हुए हैं, तथा एक बार फिर से दुनिया पर कोरोना के संकट के फैलने की खबरें आने लगी हैं, तो लोगों में गोल्ड के प्रति आकर्षण भी बढ़ा है। ज्वेलर्स के लिए सबसे बड़ी बात यह है कि उनका व्यापार पहले के मुकाबले बढ़ा है तथा आगे भी बढऩे की उम्मीद बनी हुई है। वैसे तो हर अवसर पर भारतीय समाज में गोल्ड खरीदने की परंपरा रही है लेकिन अब कुछ खास और नई वजहों से भी गोल्ड खरीदना काफी फायदेमंद होता जा रहा है, क्योंकि गोल्ड का इस्तेमाल केवल ज्वेलरी और निवेश तक ही सीमित नहीं, बल्कि हमारी जरूरत की कई अन्य वस्तुओं में भी उपयोग किया जाता है। इसलिए लगातार रेट्स में तेजी के बावजूद, ज्वेलरी विक्रेताओं के लिए तो बाजार विकसित हो ही रहा है, बुलियन विक्रेताओं तथा गोल्ड इंपोर्टर्स के लिए भी गोल्ड का गणित सुधरता जा रहा है।
गोल्ड के बढ़ते हुए रेट्स के बीच भी गोल्ड के लगातार बिकते रहने के पीछे जो सबसे बड़े कारण है, वे गोल्ड की तीन सबसे बड़ी खासियत के रूप में हमारे सामने है। इन तीन खासियत ने ही सदा सदा से गोल्ड को सबसे महत्वपूर्ण धातु के रूप में बनाए रखा है। पहली तो यह कि गोल्ड कभी सस्ता नहीं होता, इसलिए किसी भी समय खरीदना फायदे का सौदा होता है। दूसरी बात यह कि गोल्ड के किसी भी प्रकार को तत्काल बिक्री करके उसे मुद्रा में परिवर्तित किया जा सकता है। इसके अलावा तीसरी खास बात यह है कि उसे कहीं भी रखा जाए, खराब नहीं होता, सड़ता नहीं व सदा उपयोगी रहता है। इन तीनों बातों की वजह से ही गोल्ड सदा से सभी के लिए काफी लाभदायक रहा है। कहते हैं कि न केवल भारतीय समाज में बल्कि दुनिया के किसी भी समुदाय में गोल्ड की अहमियत इन तीन कारणों से ही बनी हुई है।
वैसे देखा जाए, तो लंबे काल तक के लिए निवेश करने वालों को गोल्ड ने हमेशा शानदार रिटर्न दिया है। रेट्स के हिसाब से देखा जाए, तो सन 1950 में 10 ग्राम गोल्ड की कीमत 99 रुपये थी, जो सन 1960 में 112 रुपये हो गई। इस एक दशक में गोल्ड की कीमत में लगभग 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। उसके बाद सन 1960 से 1970 के बीच के दशक में गोल्ड के रेट्स 112 रुपये से बढक़र सीधे 185 रुपये हो गए। इस दशक में गोल्ड की कीमत में 65 प्रतिशत का उछाल आया। फिर सन 1970 से 1980 के बीच गोल्ड की कीमत 185 रुपये से बढक़र सीधे 1,330 रुपये प्रति दस ग्राम हो गई, जो कि सबसे शानदार रिटर्न कहा जाता है। इस दशक में गोल्ड ने करीब करीब सवा 6 गुना रिटर्न दिया। फिर उसके बाद के दशक में गोल्ड 1980 से 1990 के बीच 1330 रुपये से बढक़र 3200 रुपये पहुंच गया और 140 प्रतिशत कमाई दी। हालांकि 1990 से 2000 तक गोल्ड ने करीब 38 प्रतिशत रिटर्न ही दिया, क्योंकि 1996 में गोल्ड की कीमत में गिरावट आ और यह 5,160 रुपये तक पहुंच गया। इसके बाद गोल्ड ने और गिरावट देखी, जो दशक समाप्त होते-होते सीधे 4,045 रुपये प्रति दस ग्राम ही गोल्ड की कीमत रह गई। मगर उसके बाजद गोल्ड ने जो तेजी पकड़ी वह अत्यंत आश्चर्यजनक व अप्रत्याशित थी। सन 2000 से 2010 तक गोल्ड की कीमत 4400 रुपये से बढक़र सीधे 18,500 रुपये तक पहुंची और करीब 320 प्रतिशत रिटर्न दिया। उसके बाद के दशक में गोल्ड सन 2010 से 2020 तक 162 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 48651 प्रति दस ग्राम पहुंच गया, जो कि 57 हजार के पार पहुंचकर अब 55 हजार के आसपास है। इसी से समझा जा सकता है कि गोल्ड में शर्ॉ टर्म निवश तो लाभ देता ही है, लॉग र्म निवेश में ज्यादा फायदा है। इन वजहों से ही गोल्ड की अहमियत बनी हुई है, तथा उसकी चमक भी हर हाल में बढ़ती जाती है।
सही मायनों में देशा जाए, तो भारतीय समाज में ही नहीं दुनिया के किसी भी समाज व समुदाय में गोल्ड संपन्नता का भी प्रतीक है। इसके अलावा धर्म परंपरा के मुताबिक गोल्ड सामाजिक संपन्नता के साथ साथ सौभाग्य तथा सम्मान प्रदान करने वाले धन के तौर पर भी गोल्ड की अहमियत बहुत ज्यादा है। माना जाता है कि त्यौहारों पर हमारे सामाजिक जीवन में गोल्ड खरीदने की परंपरा रही है, लेकिन हर बार कुछ खास वजहों से गोल्ड खरीदना सभी के लिए काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि गोल्ड का इस्तेमाल ज्वेलरी और निवेश तक ही सीमित नहीं रहा, गोल्ड का इस्तेमाल हमारी जरूरत की अनेक चीजों में भी प्रयोग किया जाता है, इस कारण उसकी जरूरत व खपत तो बढ़ ही रही है, उपयोगिता के बढऩे के साथ साथ रेट्स भी बढ़ रहे हैं।
हमने देखा कि दो साल पूर्व कोरोना संकट के थोड़ा सा पहले ही गोल्ड 37 हजार से सीधे 57 हजार को पार कर गया था। कोविड में वह 44 हजार पर नीचे उतरा, लेकिन अब फिर से 54 हजार के आसपास मंडराकर आगे बढऩे की तरफ लगा है। गोल्ड मार्केट के जानकार लोगों को लग रहा है कि आनेवाले कुछ ही समय में गोल्ड एक बार पिर से 57 हजार का आंकड़ा पार करके आगे बढ़ जाएगा। फिर खास बात यह भी है कि संकट के वक्त गोल्ड सदाबाहर बढऩे की तरफ ही रहता है। आज के हालात में देखें, तो रूस-यूक्रेन के युद्ध के कारण दुनिया में मंदी का डर छाया हुआ है, कोरोना का संकट भी फिर से मंडरा रहा है और महंगाई भी तेजी से बढ़ती जा रही है। इन हालात में जिन लोगों को भरोसा है कि गोल्ड के दाम घटेंगे, तो वे मुगालते में हैं। क्य़ोंकि जब जब संकट आते हैं, तो गोल्ड गिरता नहीं बढ़ता है। जानकार बताते हैं कि किसी कारण अगर संकट के दौर में गोल्ड गिर भी जाए, तो चिंता की बात नहीं, वह फिर से सुधर ही जाता है, जैसा कि 57 हजार तक बढऩे के बाद कोरोना में गिरा, तो अब फिर 54 हजार को पार कर गया है। इसलिए निवेश सलाहकारों तथा बजार के जानकार लोगों का यही कहना होता है कि गोल्ड में अभी किया गया निवेश आगे जाकर बड़ा रिटर्न देता है, हां कभी थोड़ा सा इंतजार जडरूर करना पड़ सकता है। गोल्ड के रिटर्न का पिछले कुछ सालों का आंकलन किया जाए, तो अर्थव्यवस्था का संकट हो, महामारी का संकट हो, महंगाई में बढ़ोतरी का चक्र हो, ब्याज दरों के गिरने - बढऩे मामला हो, या युद्ध की विभीषिका, सभी स्थितियों में गोल्ड पर रिटर्न ज्यादातर मामलों में पॉजिटिव ही रहा है। मौजूदा ट्रेंड भी यही दर्शा रहा है कि आने वाले समय में गोल्ड शानदार रिटर्न देगा, इसी कारण गोल्ड ज्वेलरी, बुलियन व हर फॉर्म में बिक रहा है।
दुनिया के सभी देशों में लगातार बढऩे के साथ ही हमारे देश में भी गोल्ड की खपत लगातार बढ़ रही है। अर्थव्यवस्थाओं की वैश्विक मंदी, मुद्रा दरों में उतार-चढ़ाव, निर्यात शुल्क में वृद्धि, विश्व स्तर पर उच्च मांग, कम आपूर्ति की स्थिति में भी गोल्ड लगातार महंगा ही होता है।
चेतन थडेश्वर - श्रृंगार हाऊस ऑफ मंगलसूत्र
गोल्ड एक दीर्घकालिक कमाई देनेवाला खिलाड़ी कहा जा सकता है, इसलिए गोल्ड के कारोबार या गोल्ड के निवेश में लाभप्रदता हर हाल में ऊपर की ओर ही जाती है। इस वजह से इसकी काफी डिमांड रहती है और इसी कारण से गोल्ड सेक्टर में बिजनेस के मौके बढ़ रहे हैं।
पंकज जैन - शांति गोल्ड
गोल्ड का कारोबार इसलिए बढ़ता रहता है क्योंकि इसकी कीमतों में उछाल और गोल्ड की डिमांड का अच्छा फायदा उठाने का अवसर सदा बना लहता है। गोल्ड के व्यापारियों तथा ज्वेलर्स के लिए भी इसमें सदा लाभ होता है, क्योंकि इसकी खपत हर हाल में बढ़ती रही है।
किरण जैन - पुजा ज्वेलर्स
गोल्ड की खरीद में इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस व्यवसाय में हैं, क्योंकि यह एक सीधा सा निवेश है, जो हर हाल में कमाई देता ही है। याद रखें कि गोल्ड एक सीमित पाकृतिक संसाधन है जिसकी कीमतें इसके सीमित उत्पादन के कारण हर हाल में बढती रहेंगी।
कुमारपाल बंदा - जीएम मॉड्युलर
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