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भारत की प्रमुखगोल्ड चैन निर्माता कंपनी बन गई रॉयल चेन्स

Aabhushan Times

















देश भर में गोल्ड, सिल्वर व डायमंड ज्वेलरी व चेन्स निर्माण के क्षेत्र में रॉयल चेन्स एक प्रमुख ज्वेलरी निर्माता कंपनी है, और दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति करता हुआ यह संस्थान ज्वेलरी बिजनेस में एक मजबूत वैश्विक उपस्थिति बना रहा है। हाल के वर्षों में रॉयल चेन्स ने देश के ज्वेलरी मार्केट में बड़ी छलांग लगाई है। शत प्रतिशत क्वालिटी के साथ 15 हजार से भी ज्यादा ज्वेलरी डिजाइंस बाजार में उतारनेवाली रॉयल चेन्स के पास देश भर में लगभग 1500 से भी ज्यादा रिटेल पार्टनर्स और शो रूम्स का एक व्यापक नेटवर्क है। रॉयल चेन आज देश के बडी गोल्ड चेन कंपनियों में से एक है।


भारतीय ज्वेलरी मार्केट के लिए यह अपने आप में गर्व की बात है कि वर्तमान में, रॉयल चेन संयुक्त अरब अमीरात, कतर, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, हांगकांग और संयुक्त राज्य अमेरिका को भी अपनी ज्वेलरी का निर्यात कर रहा है। देश-विदेश में अपनी क्वालिटी, प्योरिटी व क्रियेशन से धाक जमाने वाली रॉयल चेन्स की कमान राजस्थान में कोसेलाव के मूल निवासी जैन परिवार के फुटरमल दलीचंदजी जैन के हाथ में है। फुटरमल जैन ने ही इस कंपनी की स्थापना की और उन्हीं के नेतृत्व में यह कंपनी लगातार विकास के नए आयाम स्थापित करती हुई भारत में एक प्रमुख गोल्ड चैन और ज्वेलरी निर्माता कंपनी बन गई है। फुटरमल जैन बेहद मेहनती व्यक्ति हैं, तो उनके तीनों बेटे सुरेश जैन, मनीष जैन और निलेश जैन भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए कडी मेहनत करके रॉयल चैन को वैश्विक स्तर पर स्थापित कर रहे हैं। रॉयल चेन्स की खासियत यह है कि वह भविष्य का दृष्टिकोण रखनेवाले समाज के उपयोग व उत्कृष्टता को खयाल में रखते हुए अपनी ज्वेलरी को क्वालिटी प्रोडक्ट के रूप में तैयार करके बाजार में उतारता है, जो खरीददार को उसकी कीमत के उचित मूल्य का आभास तो कराते ही है, खरीददारों को अपनी ईमानदारी का आभास कराते हुए पूरी गरिमा के साथ सेवाएं प्रदान करते हैं। सन 1987 में रॉयल चेन्स को एक ऐसे ब्रांड के रूप में लॉन्च किया गया था, तो पहला उद्देश्य ही यह था कि ग्राहकों को भरोसे के साथ उच्च क्वालिटी और प्योरिटी और वाजिब मूल्य का संतोष भी मिले। रॉयल चेन्स की शुरूआत सुलभ ब्रांड के रूप में स्थापित हुई, जो सदा से ही किफायती और उच्च क्वालिटी वाली ज्वेलरी की पेशकश करता रहा है, जो ज्वेलरी के केवल महंगे गहनों की अवधारणा के बजाय जीवन शैली की अभिव्यक्ति के रूप में दर्शाता है। लगभग 76 वर्ष की उम्र में भी चीते जैसी स्फुर्ति रखने वाले फुटरमल जैन को व्यावसायिक सफलता के नए आयाम स्थापित करने के लिए इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसियेशन की तरफ से लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड और सामाजिक कार्यो के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के हाथों समाज रत्न सम्मान प्रदान किया। आयकॉन ऑफ जवेरी बाजार अवॉर्ड भी उन्हें मिला है।


पढ़ाई के बाद फुटरमल जैन अपने भाई के साथ 10 साल तक गोल्ड व्यवसाय से जुड़े रहने के बाद वे स्टील के रिटेल बिजनेस में चले गए, वहां उन्हें शोहरत मिली। मगर, दशक भर बाद वहां से फिर गोल्ड बिजनेस में आए और रॉयल चैन की स्थापना की। उनकी कुछ ही वक्त में रॉयल चेन की पहचान भी बन गई। आज हर तरह की गोल्ड चेन के उत्पादन के साथ देश के सभी ज्वेलरी एक्जीबिशन में रॉयल चेन की उपस्थिति रहती है। अब तो उनके बेटे निलेश जैन रॉयल चेन के अन्तर्गत ही डायमण्ड का व्यवसाय भी कर रहे हैं। अपने जीवन की हर सफलता का सारा श्रेय वे अपनी माता सुमतीबाई और पिता दलीचंदजी जैन को देते है।













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