भारतीय रत्न एवं आभूषण को प्रमोट करेंगी मानुषी छिल्लरजेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल ने
- Aabhushan Times
- Jul 26, 2023
- 2 min read
Updated: Jul 26, 2023

विपुल शाह - चेयरमैन-जीजेईपीसी
नई दिल्ली। दुनिया भर में बिकने वाले हर 15 हीरों में से 14 हीरों का संबंध भारत से जुड़ा है। हीरा चाहे कहीं भी बिके, उनमें से हर 15 हीरों में से 14 की कटिंग और पॉलिशिंग भारत में होती है। हालांकि, अमेरिका और कुछ अन्य देशों में आई आर्थिक सुस्ती की वजह से रत्न एवं आभूषण उद्योग बिक्री में गिरावट का अनुभव कर रहा है। इसी को देखते हुए पूर्व मिस वल्र्ड मानुषी छिल्लर को रत्न एवं आभूषण उद्योग ने अपना ब्रांड एंबेसेडर बनाया है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने दुनिया भर में भारतीय रत्न एवं आभूषण को प्रोमोट करने के लिए जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल बनाया है। जीजेईपीसी ने ही पूर्व मिस वल्र्ड मानुषी छिल्लर को अपना ब्रांड एंबेसेडर बनाया है। अब दुनिया भर में मानुषी भारतीय रत्न एवं आभूषणों को प्रोमोट करेंगी। उनका कहना है कि किसी भी महिला को रत्न एवं आभूषण से अगाध प्रेम होता है। इसी प्रेम के चलते वह जीजेईपीसी से जुड़ी हैं। जीजेईपीसी के चेयरमैन विपुल शाह ने कहा है कि अमेरिका और चीन जैसे प्रमुख बाजारों में इस साल मांग घटी है। इसी वजह से चालू वित्त वर्ष में रत्न तथा आभूषण निर्यात में 10 से 15 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में रत्न व आभूषण निर्यात वार्षिक आधार पर 2.48 प्रतिशत बढक़र 3,00,462.52 करोड़ रुपये (36 अरब डॉलर से अधिक) हो गया। जीजेईपीसी के नार्दन रीजन के रीजनल चेयरमैन अशोक सेठ ने बताया कि इस साल वाणिज्य मंत्रालय ने 42 अरब डॉलर के रत्न-आभूषणों के निर्यात का लक्ष्य दिया है। यदि सब कुछ सामान्य चल रहा होता तो यह लक्ष्य भी आसानी से हासिल हो जाता। लेकिन इस समय स्थिति कुछ ठीक नहीं है। अशोक सेठ का कहना है कि रत्न एवं आभूषणों का प्रमुख बाजार अमेरिका और चीन है। वहां इस समय जेम्स एंड ज्वेलरी की मांग धीमी हो रही है। उन देशों में बढ़ते ब्याज दर, महंगाई जैसी चिंताओं के बीच उपभोक्ताओं का भरोसा भी कम हो रहा है। ऐसे में भारत से पहले के जैसा निर्यात नहीं हो पा रहा है।
भारतीय जेम्स एंड ज्वैलरी का निर्यात साल 2021-22 में $$ 39.14 billion का था। लेकिन अब अमेरिका एवं चीन में वैसी डिमांड नहीं रही है, इसलिए इस साल पहली तिमाही में भी गिरावट दिखी है। हालांकि निर्यात में ज्यादा गिरावट नहीं दिखे, इसके लिए कई उपाय किये जा रहे हैं। अगले महीने यानी अगस्त के दौरान मुंबई में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा जेम्स एंड ज्वैलरी प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इसमें 800 से भी अधिक बायर्स के आने की उम्मीद है। इसके साथ ही अमेरिका एवं चीन के अलावा खाड़ी देशों तथा कुछ अन्य देशों पर भी फोकस किया जा रहा है। उम्मीद है कि इससे भारतीय निर्यातकों को कुछ आसानी होगी।
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