मंगलसूत्र-सबसे अहम, सबसे अलगज्यादातर हैवी मंगलसूत्र का चलन, तो आधुनिक महिलाओं में लाइटवेट की डिमांड
मुंबई ज्वेलरी का हब है, देश भर के किसी भी शहर के मुकाबले में यहां पर ज्वेलरी की सेल सबसे ज्यादा होती है, तो उस ज्वेलरी में मंगलसूत्र को भारतीय ज्वेलरी इंडस्ट्री का सर्वाधिक बिक्री वाला आभूषण माना जाता है। देश में कोई भी ज्वेलर ऐसा नहीं होगा, जो मंगलसूत्र नहीं बेचता होगा। वास्तविकता में देखा जाए, तो मंगलसूत्र ही ज्वेलरी इंडस्ट्री का आधार है, तथा भारतीय परंपरा में वैवाहिक जीवन में मंगलसूत्र के पवित्र बंधन को उच्च स्थान प्राप्त है। फिर, विवाह होते हैं, तो बाकी ज्वेलरी भी बिकती ही है। एक पल के लिए मान लें कि मंगलसूत्र को पहनना जरूरी नहीं है, तो फिर विवाह के सीजन में ज्वेलरी की सेल भी घट जाएगी, क्योंकि विवाह में जब मंगलसूत्र ही अनिवार्य नहीं होगा, तो बाकी ज्वेलरी की क्या बिसात। अत: देश के प्रत्येक ज्वेलरी मार्केट में मंगलसूत्र की सेल बड़ी तादाद में होती है, लेकिन महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, आंध्र, तेलंगाना, तमिलनाड़ु, बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, आदि राज्यों में विशेषकर सेल होती है।
ज्वेलरी का हब होने से मुंबई में मंगलसूत्र की बिक्री सबसे ज्यादा होती है, तो इसका निर्माण भी सबसे ज्यादा मुंबई में ही होता है। यहां ज्वेलरी की कई बड़ी बड़ी कंपनियां केवल मंगलसूत्र का ही निर्माण करती है, जिनमें हजारों की संख्या में अलग अलग डिजाइन के मंगलसूत्र देखने को मिल जाएंगे। छोटे - बड़े, लंबे - पतले, भारी, हल्के, महंगे - सस्ते, एंटिक - मॉर्डन आदि तरह तरह के मंगलसूत्र बिक्री के लिए बाजार में उपलब्ध हैं, जिनको देश के जाने माने डिजाइनरों से लेकर कुशल बंगाली कारीगर तैयार करते हैं। मुंबई के ज्वेलरी मार्केट में होलसेल ज्वेलरी कारोबारियों में से श्रंगार - द हाउस ऑफ मंगलसूत्र, एम आर गोल्ड प्रा. लि., पुजा ज्वेलर्स, जे. के. ज्वेल्स, एस ए ज्वेल्स, एम मेहता एण्ड सन्स, भावेश गोल्ड, एल. के. ज्वेल्स आदि प्रमुख व सबसे बड़ी कंपनियों नाम है, जिनकी मगलसूत्र के मार्केट में मॉनोपॉली मानी जाती है, तथा वे ही सबसे बड़े ब्रांड्स भी हैं। इन सभी मंगलसूत्र निर्माताओं ने ज्वेलरी बिजनेस में अपने व्यापक अनुभव के साथ प्रोडक्ट्स की क्विलाटी की उच्च गुणवत्ता आदि के साथ देश के विभिन्न ज्वेलरी मार्केट्स की मांग के हिसाब से त्वरित आपूर्ति करके अपने ब्रांड के जरिए एक प्रतिष्ठित नाम बनाया है।
ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने की वजह से मुंबई के इन ज्वेलर्स में मुंबई के नामी गिरामी मंगलसूत्र निर्माताओं में श्रृंगार हाउस ऑफ मंगलसूत्र, जे. के. ज्वेल्स, एस. ए. ज्वेल्स, एम. आर. गोल्ड प्रा. लि. भावेश गोल्ड, एल. के. ज्वेल्स, एम मेहता एण्ड सन्स, पुजा ज्वेलर्स के आदि मंगलसूत्र निर्माता ज्वेलर्स की ऑल इंडिया लेवल पर काफी ख्याति है तथा पूरे देश में एक विशाल नेटवर्क भी है, जो उपभोक्ताओं की मांग को नए नए डिजाइंस के साथ समय पर पूरा करता है। गोल्ड, सिल्वर, प्लेटिनम और डायमंड ज्वेलरी ट्रेड में क्वालिटी और प्यूरिटी का सबसे अहम रोल माना जाता है, अत: मंगलसूत्र की हाई क्वालिटी व प्यूरिटी की सुनिश्चित उत्पादों ही इन उत्पादकों की प्रतिष्ठा का सबसे बड़ा कारण है। अब तो मुंबई के इन नामी मंगलसूत्र निर्माताओं में से कुछ अपने मंगलसूत्र के डिजाइन बनाने में बॉलीवुड के ज्वेलरी डिजाइनर्स की भी महत्वपूर्ण सेवाएं लेने लगे है, इसी वजह से इनके डिजाइंस अन्य ज्वेलर्स के मुकाबले काफी अलग व आकर्षक होते हैं। जिसके कारण व्यापार में भी तेजी से बढोतरी हो रही है।
मंगलसूत्र के इतिहास, परंपरा, पहनने के तरीके, डिजाइंस आदि के विषय में ज्यादा जानकारी अब आदे जानेंगे, लेकिन सबसे पहले यह बात करते हैं कि ज्वेलरी की दुनिया का यह एकमात्र ऐसा आभूषण है, जिसे हमारी भारतीय परंपरा की ज्वेलरी कहा जाता है। ज्वेलरी इंडस्ट्री में ऐसी कोई भी ज्वेलरी नहीं है, जिसे समाज में मंगलसूत्र के जितना सम्मान प्राप्त हो। मंगलसूत्र के साथ धार्मिक परंपरा, सामाजिक संबंध तथा विश्वास की डोर जुड़ी हुई है, तथा मंगलसूत्र को ज्वेलरी इंडस्ट्री में भी मानव समाज की मंगल भावनाओं से जोडक़र देखा जाता है। इन्हीं कुछ प्रमुख कारणों से ज्वेलरी इंडस्ट्री में पिछले कुछ सालों से मंगलसूत्र के निर्माण व बिक्री के मामले में भी क्रंातिकारी बदलाव आए हैं। आज मंगलसूत्र ज्वेलरी के क्षेत्र का एकमात्र आभूषण है, जिसमें हजारों की तादाद में डिजाइन मिलते हैं। हर रोज, हर ज्वेलर को नए नए डिजाइन के मंगलसूत्र मार्केट में उतारने पड़ते हैं। मुंबई देश में ज्वेलरी का हब तो है ही, मंगलसूत्र के मामले में भी मुंबई का ज्वेलरी मार्केट सबसे अव्वल है। यहां कई ज्वेलर तो विशेष रूप से केवल मंगलसूत्र का ही निर्माण करते हैं, तथा सैकड़ों बंगाली कारीगर भी केवल मंगलसूत्र ही बनाते हैं। व्यापारिक सिद्धांत के अनुसार ज्वेलरी के निर्माण में ज्वेलर सबसे ज्यादा खयाल अपने ग्राहकों की पसंद का करते हैं, अगर किसी को भारी और डिजाइनर मंगलसूत्र पसंद नहीं हैं, तो मंगलसूत्र के नामी गिरामी निर्माताओं की तरफ से लाइटवेट ज्वेलरी के आज के दौर में कुछ आसान व बेहद कम वजनी मंगलसूत्र के ऑप्शन भी बाजार में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुंबई के नामी गिरामी मंगलसूत्र निर्माताओं में श्रृंगार हाउस ऑफ मंगलसूत्र, जे. के. ज्वेल्स, एस. ए. ज्वेल्स, एम. आर. गोल्ड प्रा. लि. भावेश गोल्ड, एल. के. ज्वेल्स, एम मेहता एण्ड सन्स, पुजा ज्वेलर्स के यहां अगर देखें, तो मंगलसूत्र में ग्राहकों को ढेरों विकल्प मिलेंगे। देश भर के विभिन्न बाजारों से मुंबई में खरीददारी के लिए आने वाले ग्राहकों के लिए मल्टी चेन मंगलसूत्र या फिर लटकन मंगलसूत्र के अलावा ब्रेसलेट स्टाइल के मंगलसूत्र भी यहां पर उपलब्ध हैं। इतना ही नहीं, मंगलसूत्र में कई पवित्र शब्दों और चिन्हों के अलावा लोगों के लिए उनकी विवाह की तारीखों व पति के नाम के पहले अक्षर से संबंद्ध पेंडेंट के रूप में मिलते हैं। वर्तमान दौर में यूनीक और पर्सनलाइज्ड नजर आने वाले मंगलसूत्र भी बनाए जा रहे हैं। आज के दौर में देखा जाए, तो क्लासिक नेक मंगलसूत्र, रिंग मंगलसूत्र, ब्रेसलेट मंगलसूत्र, पाम मंगलसूत्र, चार्म मंगलसूत्र, यूनिक टेम्पल मंगलसूत्र, हाफ मंगलसूत्र जैसे कई डिजाइंस बाजार में मंगलसूत्र के लिए उपलब्ध हैं, जो बेहद लाइट वेट होते हैं, तथा इनके डिजाइन भी काफी आधुनिक होते हैं। जो महिलाएं परंपरा के तहत पुरानी डिजाइन के गले में पहनने वाले मंगलसूत्र से उब चुकी हैं, तो उनके लिए भी मुंबई के मृज्वेलरी मार्केट में मंगलसूत्र के स्पेशलिस्टों के यहां नए जमाने के लेटेस्ट डिजाइन कलेक्शन के तौर पर हैंड गोल्ड मंगलसूत्र डिजाइन भी उपलब्ध हैं, जिनको हाथों में पहना जाता है। मंगलसूत्र के बारे में कहा जाता है कि यह हर समाज की महिलाओं का प्रिय आभूषण है, एवं विवाहित महिलाओं की सबसे बड़ी पहचान के रूप में भी मंगलसूत्र को ही मान्यता प्राप्त है। मंगल सूत्र शब्द को विभाजित करके देखा जाए, तो मंगल का अर्थ होता है पवित्र एवं सूत्र का अर्थ है डोर। जिसका पूर्ण अर्थ होता है पवित्र डोर, तथा विवाह कुल मिलाकर एक पवित्र डोर में बंधा रिश्ता ही तो है, जो एक पावन बंधन माना जाता है, तथा मंगलसूत्र उस बंधन का पवित्र का पवित्र आभूषण।इसी वजह से, किसी भी महिला के गले में मंगलसूत्र देखते ही इस आभूषण को पहनने वाली के विवाहित होने का प्रमाण तो माना ही जाता है, इस आभूषण के कारण सुहागिन होने की वजह से उस महिला के प्रति लोगों के मन में एक विशेष किस्म का सम्मान भी पैदा होता है तथा महिलाओं के मन में भी एक खास किस्म की निश्चिंतता रहती है। ये प्रमुख कारण है मंगलसूत्र की भारतीय समाज में अहमियत के, तथा इसी कारण भारतीय ज्वेलरी इंडस्ट्री में मंगलसूत्र को सेल के मामले में सबसे हॉट ज्वेलरी के रूप में मान्यता प्राप्त है। हमारी संस्कृति में महिलाओं की ज्यादातर ज्वेलरी को किसी न किसी सामाजिक संबंध तथा परंपरा से जोडक़र देखा जाता है, तथा भारत तो वैसे भी एक संस्कारी व पारंपरिक मान्यताओं वाला देश है, इस कारण देश की हर विवाहित महिला के गले में नहीं तो घर में मंगलसूत्र मिलता ही है। ज्यादातर परंपरावादी व समाज में विवाहित महिला के गले में मंगलसूत्र अनिवार्यत: होना ही चाहिए, ऐसा माना जाता है।
दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश में मंगलसूत्र को पहना था, उसे थाली कहा जाता है। जिसे सोने की चेन या पीले धागे के साथ पहना जाता है। इस मंगलसूत्र को तेलुगु थाली चेन डिजाइन में शामिल किया जा सकता है। जिसमें सोने की चेन के साथ दो छोटे पेंडेंट जोड़े जाते हैं और इस पारंपरिक संग्रह में कई आकर्षक डिजाइन्स देखने को मिलते हैं। मुंबई के ज्वेलरी मार्केट में इन दिनों परंपरागत गले में पहने जाने वाले भारी भरकम मंगलसूत्र के उतच्पादन व सेल में तो कोई कमी नहीं आई है, लेकिन साथ ही कई रंगों के साथ विभिन्न डिज़ाइन के साथ उच्च गुणवत्ता वाले लीफ बीड्स मंगलसूत्र का निर्माण व सेल भी कर रहे हैं।
देश के ज्यादातर प्रदेशों में महिलाओं में मंगलसूत्र पहने जाते हैं, लेकिन दक्षिण भारत तथा महाराष्ट्र की ज्वेलरी में इसे विशेष स्थान हासिल है। हर पढ़ी लिखी व अत्याधुनिक विवाहित महिला भी मंगलसूत्र पहनती है। यही कारण है कि भारी भरकम वजन के बजाय आजकल लाइटवेट मंगलसूत्र का चलन बढ़ रहा है।
ज्वेलरी के खरीददार देश भर से मुंबई आते हैं, तो हमें सबकी पसंद का खयाल रखना पड़ता है।
जमाना बदल रहा है, तो हमको भी नए नए डिजाइंस के मंगलसूत्र पेश करने जरूरी होते जा रहे हैं। वैसे भी ग्राहकों की पसंद में तेजी से बदलाव होता जा रहा है, तथा देश बहुत बड़ा है, तो हर तरह की पसंद का माल रखना होता है।
पिछले कुछ सालों में मंगलसूत्र के सेगमेंट में हमें कई तरह के परिवर्तन करने पड़े हैं। 25 - 30 पहले केवल भारी भरकम मंगलसूत्र ही लोग खरीदते थे, जिनमें बेहद कम कारीगरी हुआ करती थी। लेकिन जैसे जैसे लोग विकसित होते गए, लोगों की पसंद बढ़ती गई, तो मंगलसूत्र में भी कई तरह के बदलाव हमें लाने पड़ रहे हैं।
मंगलसूत्र सामाजिक जीवन परंपरा का हिस्सा है, लेकिन उसकी क्वालिटी तथा प्यूरिटी का भी सबसे अहम रोल है। यदि मंगलसूत्र गोल्ड की शुद्धता के मुताबित नहीं है, तो उसका होना न होना दोनों बराबर ही है। इसीलिए, हम सबसे ज्यादा क्वालिटी व उसकी प्योरिटी पर ध्यान देते हैं, यही हमारे ब्रांड की सबसे बड़ी विशेषता है।
For more Updates Do follow us on Social Media
Facebook Page-https://www.facebook.com/aabhushantimes
Instagram -https://www.instagram.com/aabhushantimes
Comments