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लगातार तेजी पकड़ते गोल्ड व सिल्वरके बीच ज्वेलरी एग्जिबिशन की बात!

  • Aabhushan Times
  • Apr 23, 2024
  • 4 min read









गोल्ड, सिल्वर और ज्वेलरी एग्जिबिशन तीनों ही सभी के लिए आश्चर्य बनते जा रहे हैं। गोल्ड व सिल्वर दोनों हर रोज महंगे हो रहे हैं। गोल्ड गजब तेजी पकड़ता जा रहा है, तो सिल्वर सनसनी मचाता हुआ स्विंग कर रहा है। तो, उधर ज्वेलरी की कई सारी बड़ी बड़ी एग्जिबिशन के हालात भी सभी की जुबान पर हैं। एग्जिबिशन बाजार में व्यापार के सुझाव के कारण बनते हैं, मगर गोल्ड व सिल्वर के बढ़ते रेट्स, के बीच हर किसी की हालत पतली है। मगर, गोल्ड व सिल्वर का बढ़ोतरी का हाल ऐसा तेजी पकड़ता हुआ दिखने के पीछे कारण क्या हो सकते है? इस सवाल ने मुंबई गोल्ड मार्केट के बड़े-बड़े जानकारों के दिमाग का दही कर दिया है। छोटे मोटे ज्वेलर्स को तो यह समझ में ही नहीं आ रहा है कि इस तेजी के पीछे असली कारण क्या है। आभूषण टाइम्स सदा से ही आपको बाजार की हर छोटी - बड़ी जानकारी देने में अग्रणी भूमिका निभाता रहा है। यह पत्रिका, जो आपके हाथों हैं, वह भारत में सबसे प्रमुख ज्वेलरी मार्केट पत्रिका होने के कारण हमारा कर्तव्य है कि आप बाजार की हर गतिविधि के साक्षी रहें, तथा हम आपको सारे विश्लेषणों के साथ बाजार में बुलियन की घटत - बढ़त के कारणों तथा ज्वेलरी मार्केट की गतिविधियों की सफलता व असफलता के मूल कारणों से अवगत कराते रहें।


गोल्ड व सिल्वर के रेट्स में लगातार तेजी और वह भी हर किसी की उम्मीदौं से पार की तेजी, दिख रही है। दोनों के बढ़ते रेट देख कर लोग दांतों तले अंगुली दबा रहे हैं। खास बात ये है कि इंटरनेशनल लेवल पर गोल्ड और सिल्वर दोनों अपनी रफ्तार से बहुत तेज भाग रहे हैं। गोल्ड व सिल्वर दोनों ही जिस प्रकार से अप्रत्याशित तौर पर आगे बढ़ रहे हैं, उस तेजी के पीछे के मुख्य कारण इंटरनेशनल लेवल पर कुछ देशों के बीच की राजनीतिक अस्थिरता, अमेरिका में महंगाई में बढ़ोतरी व बेरोजगारी तथा अमेरीकी रिजर्व बैंक द्वारा गोल्ड की खरीदी के अलावा भी और कई कारण हैं, जो अभी स्पष्ट नहीं हैं। आभूषण टाइम्स का विश्लेषण है कि अमेरीकी फैडरल बैंक की ब्याज दरों में कटौती की कम उम्मीद और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता भी गोल्ड की रेट में बढावे के कारण हैं। हमारी तरफ से बाजार का जो विश्लेषण किया जाता है, उसमें जो संकेत मिल रहे हैं, उनके मुताबिक साफ संकेत हैं कि गोल्ड व सिल्वर में नरमी तो आ सकती है, लेकिन वह लंबी नहीं चलेगी तथा अंतत: दोनों का क्रमश: गोल्ड प्रति 10 ग्राम व सिल्वर प्रति किलो 1 लाख का लेवल पकड़ता साफ दिखाई दे रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत में गोल्ड व सिल्वर दोनों के सस्ता होने के कारण नजर नहीं आ रहे हैं, तथा आने वाले दिनों में फिलहाल से भी बड़ा उछाल आ सकता है, यह बात बहुत से लोगों को पच नहीं रही है। परंतु सच है कि विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंक, संस्थान और व्यक्तिगत निवेशक गोल्ड के प्रमुख खरीदार बने हुए हैं, तो सिल्वर की खपत बढ़ती जा रही है, इन्हीं वजहों से गोल्ड व सिल्वर दोनों ही लगातार महंगे होते जा रहे हैं।


गोल्ड व सिल्वर की बढ़ते रेट्स से बाजार के बदल रहे हालात के बीच अब हम बात करते हैं ज्वेलरी एग्जिबिशन की सफलता व असफलता की। आभूषण टाइम्स ने हाल ही में हो रहे कई ज्वेलरी एग्जिबिशन के हालात बहुत करीब से देखें हैं। इन कई सारी ज्वेलरी एग्जिबिशन की सफलता व असफलता के हालात पर चर्चा के अलावा मूल बात यह ह कि अधिकांश ज्वेलरी एग्जिबिशन की सफलता संबंध उन तत्वों से होता है जो दर्शकों को आकर्षित करते हैं और उन्हें एक अद्वितीय और यादगार अनुभव प्रदान करते हैं। इनके अलावा गोल्ड व सिव्र सहित डायमंड तथा ज्वेलरी के बढ़ते रेट्स जैसे कारक सबसे महत्वपूर्ण हैं जो ज्वेलरी एग्जिबिशन की सफलता व असफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ब्रांड, चाहे बड़े हों या छोटे, ज्वेलरी एग्जिबिशन में उत्सुकता से भाग लेते हैं। ज्वेलरी एग्जिबिशन के स्टाल की तारीख, गोल्ड के रेट्स व ज्वेलरी के आकर्षक डिजाइन में उसकी सफलता निहित है। भारतीय ज्वेलरी सेक्टर में हर एग्जिबिशन का अपना खास महत्व है, चाहे छोटी हो या बड़ी, नई हो या पुरानी, प्रत्येक एग्जिबिशन को जबरदस्त सफलता मिलती रही है, लेकिन कभी कभी किसी खास कारणों से यदि सफलता ना भी मिले, तो मायूसी का भाव नहीं आता, क्योंकि ज्वेलर्स के लिए खास बात यह है कि गोल्ड व सिल्वर क भाव तो बढ़ ही रहे हैं, उसमें तो कोई नुकसान ही नहीं है, ऐसा माना जाता हा। मगर वास्तव में ऐसा नहीं है, ज्वेलर्स को लाभ तब होता है, जब उनका माल बिके। तो, कह सकते हैं कि ज्वेलरी एग्जिबिशन की असफलता व सफलता दोनों की गोल्ड व सिल्वर के रेट्स पर निर्भर करते हैं। इस बार गोल्ड व सिल्वर लगातार तेजी पकड़ते जा रहे हैं, तो निश्चित तौर पर ज्वेलरी एग्जिबिशन का सफलता पर विपरीत असर तो होना ही था। लेकिन कहते हैं कि मौसम, व्यापार तथा उम्र कभी एक से नहीं रहते। वक्त के साथ इनको बदलना ही पड़ता है। अत: गोल्ड व सिल्वर के रेट्स जैसे ही स्थिरता पकड़ेगें, बाजार में ग्राहकी भी बढ़ेगी और प्रत्येक एग्जिबिशन को जबरदस्त सफलता भी मिलेगी।


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