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सोने के पुराने गहने अब नहीं बेच पाएंगे

Aabhushan Times

सरकार ने बदले गोल्ड बेचने के नियम










नई दिल्ली। सोना केवल आभूषण नहीं बल्कि जमापूंजी है। भारत में लोग सोने को आभूषण से ज्यादा निवेश के तौर पर देखते हैं। ऐसा निवेश को मुश्किल के वक्त में कभी भी काम आ सकता है। अगर कभी ऐसी आर्थिक परेशानी आई तो कुछ ही घंटों में घर की तिजोरी में बंद सोने के जेवर आपके लिए एक इमरजेंसी फंड के तौर पर तैयार हो जाता है। सोने के गहने बेचकर लोग मुश्किल से बच निकलते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सरकार ने सोने के गहने खरीदने से लेकर बेचने तक का नियम बदल दिया है।


1 अप्रैल से सरकार ने सोने के गहने बेचने के लिए भी हॉलमार्क यूनीक आईडेंटिफिकेशन नंबर (HUID) को अनिवार्य कर दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद अब सोना बेचने के लिए भी हॉलमार्किंग जरूरी हो गया है। केंद्र सरकार ने अब पुराने सोने के गहनों के लिए भी एक खास नियम तय किया है। नए नियम के बाद आप बिना (HUID) के गहने बेच नहीं पाएंगे। अगर आपने हॉलमार्किंग का नियम लागू होने से पहले सोने के जेवर बनवाए हैं और अब उसे बेचना या बदलवाना चाहते हैं तो आप ऐसा नहीं कर सकेंगे। पुरानी गोल्ड ज्वेलरी या दूसरे गोल्ड प्रॉडक्ट्स को बेचने से पहले आपको उन्हें भी हॉलमार्क्ड कराना होगा। गोल्ड की हॉलमार्किंग शुद्ध सोने की पहचान है। सोना कितना शुद्ध है ये हॉलमार्क देखकर आप पता कर सकते हैं। पुरानी ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग करवाने से आपको जहां आपके पुराने सोने के गहने की सही कीमत मिलेगी तो वहीं सरकार इस बात का भी पता लगा सकेंगी कि सोने में निवेश के जरिये कितना काला धन छिपाया गया है। सरकार ने इसी मकसद से 1 अप्रैल, 2023 से देश में सोने के सभी गहनों और गोल्ड प्रॉडक्ट्स पर हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन यानी (HUID) को अनिवार्य कर दिया है। इस यूनिक नंबर के जरिए सोने के गहने में सोने की शुद्धता के प्रतिशत की जानकारी मिलेगी। ज्वेलर्स आपको सोने की शुद्धता को लेकर बेवकूफ नहीं बना सकेंगे। सोने की गहनों पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का लोगो होगा। सोना 18 कैरेट का है, 20 कैरेट , 22 कैरेट या फिर 24 कैरेट का है उसकी डिटेल होगी।

अगर आपने गहने में पहले से हॉलमार्किंग है तो आप आसानी से बेच या बदल सकते हैं। लेकिन यदि आपकी ज्वैलरी में ये मार्क नहीं है तो बेचने या बदलने से पहले आपको हॉलमार्क करवाना होगा। पुराने जेवरों में होलमार्किंग कैसे करवाए इसे लेकर भी नियम है। इसके लिए आपको अपनी पुरानी ज्वेलरी लेकर क्चढ्ढस् से रजिस्टर्ड ज्वेलर के पास जाना होगा। ज्वेलर उन गहनों को लेकर क्चढ्ढस् एसेइंग और हॉलमार्किंग सेंटर ले जाएगा, जहां गहनों की शुद्धता की जांच के बाद उसकी हॉलमार्किंग की जाएगी। आप चाहे तो सीधे हॉलमार्किंग सेंटर जाकर भी ये काम करवा सकते हैं। पुराने गहनों की हॉलमार्किंग के लिए ज्वेलरी के मालिक यानी आपको हर पीस के लिए महज 45 रुपये का शुल्क चुकाना होगा। हॉल मार्किंग सेंटर गहनों की शुद्धता जांच करने के बाद शुद्धता सर्टिफिकेट जारी करेगा। आप उस जेवर को बेचते वक्त या फिर बदलते वक्त सर्टिफिकेट दिखा सकते हैं।



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